देहरादून।
कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता या उनमें से किसी एक को खो चुके बच्चों को सहारा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत एक बार फिर बड़ी आर्थिक सहायता जारी की गई है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने योजना के अंतर्गत राज्य के 5177 बच्चों के बैंक खातों में कुल तीन करोड़ नौ लाख रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से स्थानांतरित की। यह राशि अक्तूबर और नवंबर माह की सहायता के रूप में जारी की गई है।
यमुना कॉलोनी स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि कोविड महामारी ने कई परिवारों को गहरा आघात पहुंचाया और अनेक बच्चे अपने माता-पिता या अभिभावकों से वंचित हो गए। ऐसे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के माध्यम से हर माह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, ताकि उनकी पढ़ाई और दैनिक जरूरतों में कोई बाधा न आए।
विभागीय जानकारी के अनुसार अक्तूबर माह के लिए 5177 लाभार्थियों को एक करोड़ 55 लाख 31 हजार रुपये की धनराशि जारी की गई, जबकि नवंबर माह के लिए 5147 लाभार्थियों को एक करोड़ 54 लाख 41 हजार रुपये उनके खातों में भेजे गए। आर्थिक सहायता के साथ-साथ योजना के तहत बच्चों को मुफ्त शिक्षा, खाद्यान्न और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।
कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक बंसी लाल राणा, भाजपा नेता इंदर रावत, मुख्य प्रोबेशन अधिकारी अंजना गुप्ता और उप मुख्य प्रोबेशन अधिकारी राजीव नयन सहित कई अन्य अधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ तब तक दिया जाता है, जब तक लाभार्थी की आयु 21 वर्ष पूरी नहीं हो जाती। बालिका लाभार्थियों के विवाह हो जाने, लाभार्थी के सेवायोजित होने या निर्धारित आयु सीमा पार करने के बाद संबंधित लाभार्थी को योजना से बाहर कर दिया जाता है। राज्य सरकार का कहना है कि यह योजना संकट में पड़े बच्चों के लिए केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि उनके सुरक्षित और सम्मानजनक भविष्य की दिशा में एक मजबूत आधार है।
