देहरादून।
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की कक्षा 10वीं और 12वीं की प्रयोगात्मक परीक्षाओं का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। बोर्ड सचिव विनोद सिमल्टी के अनुसार प्रयोगात्मक परीक्षाएं 16 जनवरी से प्रारंभ होकर 15 फरवरी तक आयोजित की जाएंगी। परीक्षाओं के सफल संचालन के लिए बोर्ड की ओर से विषय विशेषज्ञ शिक्षकों का चयन किया जा रहा है ताकि मूल्यांकन प्रक्रिया समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पूरी की जा सके।
प्रयोगात्मक परीक्षाएं नजदीक होने के बावजूद बड़ी संख्या में शिक्षकों की एसआईआर यानी मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में ड्यूटी लगाए जाने को लेकर शिक्षक संगठनों में असंतोष देखा जा रहा है। राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व प्रांतीय महामंत्री डॉ. सोहन माजिला का कहना है कि कई विद्यालयों से एक साथ तीन से चार शिक्षकों की ड्यूटी एसआईआर कार्य में लगा दी गई है, जिससे स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि एक ओर शिक्षकों पर छात्र-छात्राओं का पाठ्यक्रम समय पर पूरा कराने का दबाव है, वहीं दूसरी ओर गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाए जाने से शिक्षण व्यवस्था पर सीधा असर पड़ रहा है। शिक्षक संघ का आरोप है कि पूर्व में शासन द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किए गए थे कि शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जाएगा, लेकिन वर्तमान में इन आदेशों की अनदेखी की जा रही है। इससे शिक्षकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
शिक्षा विभाग का कहना है कि प्रयोगात्मक परीक्षाओं और नियमित पढ़ाई पर एसआईआर ड्यूटी का नकारात्मक असर न पड़े, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इस संबंध में जिलाधिकारियों को निर्देश जारी करने की तैयारी की जा रही है, ताकि स्कूलों में शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चलता रहे और विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी प्रभावित न हो।
