देहरादून।
देशभर में बढ़ते वायु प्रदूषण का सीधा असर अब उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी साफ दिखाई देने लगा है। स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक आबोहवा के लिए पहचाने जाने वाले दून की हवा दिसंबर महीने में बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार मंगलवार को देहरादून का वायु गुणवत्ता सूचकांक 294 दर्ज किया गया, जो इस साल अब तक का सबसे खराब स्तर माना जा रहा है। इससे एक दिन पहले उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों में सोमवार को एक्यूआई 299 दर्ज किया गया था, जिसने स्थिति की गंभीरता को और स्पष्ट कर दिया।
दीपावली के दौरान 20 अक्तूबर को देहरादून में अधिकतम एक्यूआई 254 रिकॉर्ड किया गया था, लेकिन अब दिसंबर में यह स्तर उससे भी ऊपर चला गया है। शाम ढलते ही शहर के अधिकांश हिस्सों में धुंध और स्मॉग की परत दिखाई देने लगी है। लगातार खराब वायु गुणवत्ता के कारण दून की हवा की तुलना अब दिल्ली-एनसीआर से की जाने लगी है, जहां प्रदूषण लंबे समय से गंभीर समस्या बना हुआ है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार देहरादून में प्रदूषण का मुख्य कारण पीएम 2.5 और पीएम 10 का बढ़ा हुआ स्तर है। सोमवार को पीएम 2.5 का स्तर 119.83 और पीएम 10 का स्तर 134.11 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम 2.5 अपने बेहद छोटे आकार के कारण फेफड़ों में गहराई तक पहुंचकर खून में मिल सकता है, जिससे यह मानव स्वास्थ्य के लिए अधिक खतरनाक हो जाता है।
वायु गुणवत्ता में अगले कुछ दिनों तक किसी बड़े सुधार की संभावना भी कम बताई जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि बारिश होती है या तेज हवाएं चलती हैं तो एक्यूआई में गिरावट आ सकती है, लेकिन फिलहाल मौसम के हालात ऐसे नहीं दिख रहे हैं। बारिश की बूंदें और तेज हवाएं प्रदूषक कणों को हवा से हटाने में मदद करती हैं, जिसे प्राकृतिक सफाई प्रक्रिया कहा जाता है, लेकिन इसके बिना राहत मिलना मुश्किल है।
चिकित्सकों के मुताबिक जब एक्यूआई 200 के पार चला जाता है, तब सांस के रोगियों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को घर से बाहर निकलने में सावधानी बरतने, मास्क का उपयोग करने और अनावश्यक गतिविधियों से बचने की सलाह दी जा रही है।
प्रदूषण का असर अब ऋषिकेश में भी दिखने लगा है। मंगलवार को ऋषिकेश का एक्यूआई 105 दर्ज किया गया, जो भले ही बेहद खराब श्रेणी में न आता हो, लेकिन सालभर साफ हवा के लिए पहचाने जाने वाले शहर के लिए यह स्थिति चिंता का संकेत मानी जा रही है।
वहीं मौसम विभाग ने प्रदेश के मैदानी जिलों, विशेषकर हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में घने कोहरे को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। देहरादून में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है, लेकिन हवा की गुणवत्ता में तत्काल सुधार के संकेत फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं।
