देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने नर्सिंग अधिकारियों के 587 नए पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रदेश में पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मचारियों की कमी महसूस की जा रही थी। इसी कड़ी में बोर्ड ने पिछले सप्ताह 287 चिकित्सकों और 180 एएनएम के पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सक्षम और सुचारू बनाने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। अब इसी क्रम में नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती भी शामिल कर दी गई है, जिससे मेडिकल कॉलेजों की कार्यप्रणाली और सेवा गुणवत्ता में बड़ा सुधार आने की उम्मीद है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि आम जनता को उच्चतम गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा संसाधनों के साथ-साथ खाली पदों को भरना अनिवार्य है ताकि अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में उपचार सेवाओं में कोई रुकावट न आए। मंत्री के अनुसार हाल में शुरू की गई सभी भर्तियों का उद्देश्य स्वास्थ्य ढांचे को अधिक मजबूत करना और मरीजों को समय पर बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराना है।
चयन बोर्ड द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार नर्सिंग अधिकारियों के 587 रिक्त पदों में राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार और पिथौरागढ़ में स्वीकृत 480 पद तथा बैकलॉग के 107 पद शामिल हैं। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 27 नवंबर से शुरू होगी और 17 दिसंबर अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग शिक्षण संस्थानों से पासआउट युवा बड़ी संख्या में इस भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे और योग्य अभ्यर्थियों को सरकारी सेवा में नियुक्ति मिलने से राज्य में नर्सिंग सेवाओं की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
पदों का वर्गीकरण भी स्पष्ट कर दिया गया है। कुल रिक्तियों में नर्सिंग अधिकारी (महिला) डिप्लोमाधारक के लिए 336 पद निर्धारित किए गए हैं, जबकि नर्सिंग अधिकारी (महिला) डिग्रीधारकों के लिए 144 पद आरक्षित हैं। इसी प्रकार पुरुष उम्मीदवारों के लिए निर्धारित पदों में नर्सिंग अधिकारी (पुरुष) डिप्लोमाधारक के लिए 75 तथा डिग्रीधारक नर्सिंग अधिकारी (पुरुष) के लिए 32 पद शामिल हैं। पदों की इस विस्तृत श्रेणीकरण से यह सुनिश्चित होता है कि विभिन्न योग्यता वाले अभ्यर्थियों को समान अवसर मिल सके और अस्पतालों में आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग अधिकारियों की कमी पिछले वर्षों में लगातार महसूस की जा रही थी, जिसके कारण मरीज सेवाओं पर प्रभाव पड़ता था। नए पदों के सृजन और भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से न केवल इन संस्थानों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि आपातकालीन, ओपीडी, आईसीयू और अन्य महत्वपूर्ण यूनिटों में नर्सों की उपलब्धता भी सुचारू होगी। सरकार का यह कदम राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को मजबूत करने और ग्रामीण क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने में अहम योगदान देगा।
