देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत उपचुनाव की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुँचती दिखाई दे रही है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के बाद शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि इस बार भी बड़ी संख्या में लोग निर्विरोध चुने गए हैं और केवल सीमित पदों पर ही वास्तविक मुकाबला देखने को मिलेगा। आयोग के अनुसार प्रदेश में पंचायतों के विभिन्न स्तरों पर कुल 32,985 पद रिक्त थे, जिनके लिए उपचुनाव की घोषणा की गई थी। इन पदों के लिए कुल 30,800 अभ्यर्थियों ने नामांकन दाखिल किया, लेकिन जांच के दौरान 994 नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए, जबकि 319 उम्मीदवारों ने स्वेच्छा से अपने नाम वापस ले लिए। शेष बचे प्रत्याशियों में से 27,221 लोगों को निर्विरोध घोषित कर दिया गया, जो इस उपचुनाव की एक महत्वपूर्ण विशेषता बनकर सामने आया है।
अब केवल 321 पदों पर वास्तविक चुनाव होना शेष है और इन पदों के लिए 2,266 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं। इसमें ग्राम पंचायत सदस्य के 316 पदों पर 2255 उम्मीदवार, प्रधान पद के चार पदों पर नौ उम्मीदवार और जिला पंचायत सदस्य के एक पद पर दो उम्मीदवार शामिल हैं। बड़ी संख्या में निर्विरोध निर्वाचन यह दर्शाता है कि कई स्थानों पर स्थानीय सहमति बनी, जबकि कई क्षेत्रों में मुकाबला अपेक्षाकृत सीमित रहा। इसके बावजूद जिन 321 पदों पर मतदान होना है, वहां गंभीर प्रतिस्पर्धा देखने की संभावना है, क्योंकि ये पद उन क्षेत्रों में हैं जहां मतदाताओं की संख्या अधिक है और विकास संबंधी मुद्दे स्थानीय राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
जिलावार स्थिति पर नजर डालें तो अल्मोड़ा में 49 पदों पर 98 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। ऊधमसिंह नगर में 109 पदों पर 226 प्रत्याशी मैदान में हैं। चंपावत में एक पद के लिए दो उम्मीदवार हैं, जबकि पिथौरागढ़ में पांच पदों के लिए 10 अभ्यर्थी चुनाव लड़ रहे हैं। नैनीताल जिले में 40 पदों पर 79 उम्मीदवार, उत्तरकाशी में 8 पदों पर 16, टिहरी में 17 पदों पर 34, चमोली में 19 पदों पर 41 और पौड़ी में 60 पदों पर 123 उम्मीदवार शामिल हैं। रुद्रप्रयाग जिले में 13 पदों पर 26 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। सबसे दिलचस्प स्थिति बागेश्वर जिले में दिखाई देती है, जहां 1611 पदों के लिए 1555 उम्मीदवार मैदान में हैं, जो प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में सबसे बड़ा आंकड़ा है।
नामांकन प्रक्रिया 13 और 14 नवंबर को संपन्न हुई थी। इसके बाद 15 और 16 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच की गई और 17 नवंबर को नाम वापसी के लिए समय निर्धारित किया गया था। नाम वापसी के बाद आयोग ने सभी पात्र उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया। अब निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार 20 नवंबर को प्रदेश के 235 मतदान केंद्रों पर मतदान कराया जाएगा। मतगणना 22 नवंबर को होगी और उसी दिन अधिकांश नतीजों की घोषणा किए जाने की संभावना है। पंचायत स्तर पर हो रहे इन चुनावों को ग्रामीण विकास, स्थानीय प्रशासनिक संरचना और जनभागीदारी की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इन चुनावों के परिणाम आने के बाद कई ग्राम पंचायतों की नेतृत्व संरचना में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है, जो आने वाले वर्षों में स्थानीय स्तर पर विकास की दिशा तय करेंगे।
