देहरादून। ठंड के मौसम में जहां लोग गर्म पेय पदार्थों का सेवन बढ़ा देते हैं, वहीं ग्रीन-टी और कॉफी के अधिक उपयोग से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। दून अस्पताल के मेडिसिन विभाग में हर दिन ऐसे लगभग दर्जनभर मरीज पहुँच रहे हैं, जिनकी धड़कनें तेज हो रही हैं, सांस लेने में दिक्कत आ रही है या फिर वे अचानक चक्कर महसूस कर रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार दिन में पांच से दस बार ग्रीन-टी या कॉफी का सेवन शरीर पर कैफीन की अधिकता बढ़ा देता है, जिससे दिल की धड़कनें असामान्य रूप से तेज हो जाती हैं और यह स्थिति आगे चलकर खतरनाक साबित हो सकती है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि सामान्य परिस्थितियों में ग्रीन-टी और कॉफी का दिन में दो बार सेवन सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इससे अधिक बार पीने पर शरीर पर अम्लीयता का प्रभाव बढ़ जाता है। विशेष रूप से खाली पेट सेवन करने पर ग्रीन-टी एक्सट्रैक्ट और कॉफी में मौजूद कैफीन के अणु पेट में गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग उत्पन्न करते हैं, जो एसिडिटी को बढ़ाकर दिल की धड़कन को प्रभावित करता है। यही स्थिति आगे चलकर ‘ग्रीन-टी और कॉफी पल्पिटेशन’ के रूप में सामने आती है, जिसमें मरीज सांस फूलना, सीने में दर्द, कमजोरी, थकान और चक्कर आने जैसी समस्याओं का सामना करने लगता है।
दून अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. कुमार जी कौल बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति लगातार एक सप्ताह तक ग्रीन-टी या कॉफी का अत्यधिक सेवन करता है, तो उसके शरीर में पल्पिटेशन के शुरुआती लक्षण उभरने लगते हैं। वहीं ढाई महीने तक यह सेवन जारी रखने पर पेट में अल्सर बनने का खतरा बढ़ जाता है। कई मामलों में पेट के अल्सर से रक्त का रिसाव शुरू हो जाता है, जो धीरे-धीरे शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया का रूप ले लेता है। ऐसी स्थिति में मरीज को भूख कम लगना, पेट फूलना, कमजोरी, चक्कर आना और यहां तक कि बेहोशी जैसी समस्याएँ पैदा हो जाती हैं। अस्पताल में हर सप्ताह दो मरीज ऐसे सामने आ रहे हैं जिनमें एंडोस्कोपी के बाद पेट के अल्सर की पुष्टि की गई है।
अत्यधिक कैफीन सेवन से पैदा होने वाला यह चक्र यदि समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ग्रीन-टी और कॉफी चाहे स्वास्थ्यवर्धक मानी जाएं, लेकिन आवश्यकता से अधिक मात्रा में सेवन करने पर वे गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं। विशेष रूप से बच्चों को यह पेय नहीं देना चाहिए क्योंकि उनके शरीर में कैफीन का प्रभाव अधिक तेजी से होता है। साथ ही पीते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खाली पेट सेवन न हो और इन्हें पानी या दूध में अधिक मात्रा में न डाला जाए।
चिकित्सकों ने सलाह दी है कि ठंड के मौसम में गर्म पेय के रूप में ग्रीन-टी या कॉफी का सेवन करें, लेकिन संयम के साथ। दिन में दो बार से अधिक यह पीने से बचें और यदि दिल की धड़कन तेज होना, सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। यह सतर्कता न केवल दिल को सुरक्षित रखेगी बल्कि पाचन तंत्र, रक्त स्वास्थ्य और संपूर्ण शरीर को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद करेगी।
