देहरादून:
उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत विजिलेंस विभाग ने गुरुवार को हरिद्वार में बड़ी कार्रवाई करते हुए खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) बृजपाल सिंह राठौर और एक सरकारी स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक मुकेश को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर पुलिस मॉडर्न स्कूल, 40वीं वाहिनी पीएसी, हरिद्वार की मान्यता के औपबंधिक नवीनीकरण प्रमाणपत्र जारी करने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप है।
विजिलेंस द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, 40वीं वाहिनी पीएसी के अंतर्गत संचालित पुलिस मॉडर्न स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण शिक्षा विभाग से होना था। इसके लिए संबंधित पक्ष द्वारा खंड शिक्षाधिकारी बृजपाल सिंह राठौर से संपर्क किया गया, लेकिन प्रमाणपत्र जारी करने के बदले उनसे 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई। इस पर स्कूल से जुड़े व्यक्ति ने विजिलेंस विभाग से शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पूरी योजना के तहत ट्रैप कार्रवाई की गई।
बृहस्पतिवार को जैसे ही शिकायतकर्ता ने रोशनाबाद स्थित खंड शिक्षाधिकारी कार्यालय में रिश्वत की रकम सौंपी, उसी समय मौके पर तैनात विजिलेंस टीम ने बहादराबाद के बीईओ बृजपाल सिंह राठौर को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान सामने आया कि इस पूरे प्रकरण में उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक मुकेश की भी अहम भूमिका थी। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मुकेश ने ही बीईओ की ओर से रिश्वत की मांग की थी, जिसके बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।
बताया गया कि आरोपी मुकेश ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) के पद पर भी तैनात है और वह बीईओ बृजपाल सिंह राठौर के लिए ही काम करता था। विजिलेंस टीम ने दोनों आरोपियों से घंटों पूछताछ करने के बाद उन्हें अपने साथ देहरादून रवाना कर दिया। सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार बीईओ की पत्नी देहरादून पुलिस में सीओ के पद पर तैनात हैं, जिससे मामला और भी चर्चाओं में आ गया है।
गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ने कार्रवाई को और आगे बढ़ाते हुए बीईओ बृजपाल सिंह राठौर के देहरादून स्थित यमुना कॉलोनी आवास पर भी छापा मारा। टीम ने कई घंटों तक आवास की तलाशी लेकर दस्तावेजों समेत अन्य महत्वपूर्ण सामग्री कब्जे में ली। वहीं, प्रभारी प्रधानाध्यापक मुकेश के कनखल स्थित घर पर भी तलाशी अभियान चलाया गया।
विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है और इसमें शामिल अन्य लोगों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। शिक्षा विभाग से जुड़े इस भ्रष्टाचार के मामले ने एक बार फिर सरकारी तंत्र में व्याप्त रिश्वतखोरी पर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं विजिलेंस की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
