देहरादून:
डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दूरस्थ गांव गडूल के केमठ तोक (सौढ) में गुरुवार शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब अपने घर के पास स्थित खेत में चारापत्ती लेने गई एक महिला पर अचानक भालू ने हमला कर दिया। इस हमले में महिला बुरी तरह घायल हो गई और खून से लथपथ हालत में जमीन पर गिर पड़ी। घटना की जानकारी मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया और घायल महिला को तत्काल जौलीग्रांट अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका उपचार जारी है।
जानकारी के अनुसार, बृहस्पतिवार शाम करीब साढ़े चार बजे सुशीला भंडारी (43), पत्नी रघुवीर भंडारी, अपने घर से कुछ दूरी पर स्थित खेत में पशुओं के लिए चारापत्ती लेने गई थीं। यह इलाका थानो वन रेंज के अंतर्गत भोगपुर कक्ष संख्या पांच के नजदीक स्थित है। इसी दौरान जंगल की ओर से आए भालू ने अचानक महिला पर हमला कर दिया। भालू के हमले से महिला के सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं। दर्द और डर के बीच महिला ने शोर मचाया, जिसकी आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे।
ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए किसी तरह भालू को भगाया और घायल महिला को संभाला। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से उसे तुरंत वाहन के माध्यम से जौलीग्रांट अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में महिला का इलाज किया जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार महिला को गंभीर चोटें आई हैं, हालांकि समय पर अस्पताल पहुंचाए जाने से उसकी जान बच गई।
घटना की सूचना मिलने पर गडूल क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ-साथ वन विभाग की टीम भी जौलीग्रांट अस्पताल पहुंची। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता धर्मेंद्र रावत ने बताया कि केमठ और सौढ गांव टिहरी जनपद की सीमा से लगे हुए हैं और यहां पिछले कुछ दिनों से भालू की लगातार मौजूदगी देखी जा रही है। उन्होंने वन विभाग से क्षेत्र में गश्त बढ़ाने और घायल महिला को उचित मुआवजा देने की मांग की।
बताया गया कि घायल महिला के पति रघुवीर भंडारी एक श्रमिक हैं और घटना के समय अपने काम पर गए हुए थे। घटना की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने उन्हें सूचित किया और महिला को अस्पताल पहुंचाने में पूरा सहयोग किया। वहीं वन विभाग का कहना है कि केमठ और सौढ गांव के पास बांज का घना जंगल है, जहां भालू बड़ी संख्या में रहते हैं। बांज के बीज भालू का पसंदीदा भोजन होते हैं, इसी कारण भालुओं की आवाजाही खेतों और आबादी के पास बढ़ गई है।
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अकेले खेत या जंगल की ओर न जाएं और समूह में ही कार्य करें। विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि घायल महिला के उपचार का पूरा खर्च विभाग वहन करेगा और नियमानुसार मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा। लगातार हो रही वन्यजीव घटनाओं से क्षेत्र में दहशत का माहौल है और ग्रामीण वन विभाग से स्थायी समाधान और सुरक्षा के पुख्ता
