मसूरी। मसूरी में सोमवार का दिन खास रहा, जब दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला अपने परिवार के साथ अचानक शहर पहुंचे। भारत यात्रा पर आए नडेला ने मसूरी को अपने कार्यक्रम में विशेष रूप से शामिल किया और यहां पहुंचकर बचपन के उन पलों को फिर से महसूस किया, जिनमें उनकी प्रारंभिक शिक्षा और जीवन की शुरुआती स्मृतियां बसती हैं। अमेरिका से परिवार के साथ आए सत्या नडेला की इस यात्रा की जानकारी पहले से ही स्कूल प्रबंधन को दे दी गई थी, जिसके बाद सोमवार को वे मसूरी स्थित अपने पुराने स्कूल कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी (सीजेएम) वेवरली स्कूल पहुंचे।
स्कूल में पहुंचते ही नडेला का स्वागत प्रधानाचार्य सिस्टर शायमा और मैनेजर सिस्टर सूजी ने किया। नडेला अपनी पत्नी अनुपम नडेला और बेटियों दिव्या तथा तारा के साथ थे, जिन्होंने भी परिसर का भ्रमण किया। नडेला वर्ष 1970-71 में वेवरली स्कूल में प्राइमरी शिक्षा के लिए पढ़े थे, इसलिए परिसर में कदम रखते ही उनके चेहरे पर पुरानी यादों की लकीरें साफ झलकने लगीं। उन्होंने स्कूल के बच्चों और शिक्षकों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं, बातचीत की और अपने बचपन के दिनों से जुड़े कई अनुभव साझा किए।
स्कूल के सोशल मीडिया इंचार्ज और हाउस मास्टर रितेश के भट्टाचार्य ने बताया कि नडेला की टीम ने मसूरी आने से पहले ही स्कूल से संपर्क स्थापित कर दिया था। सुरक्षा और प्रोटोकॉल की औपचारिकताओं के बीच यह यात्रा निजी स्वरूप में आयोजित की गई, ताकि नडेला अपने परिवार के साथ शांत वातावरण में समय बिता सकें और अपने बचपन की स्मृतियों को पुनः महसूस कर सकें।
सत्या नडेला के मसूरी से गहरे संबंध उनके परिवारिक इतिहास से भी जुड़े हैं। उनके पिता बी.एन. युगांधर भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1962 बैच के अधिकारी थे, जिन्हें प्रशासनिक सेवा में उनके योगदान के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। वह लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी में वर्ष 1988 से 1993 तक निदेशक रहे, जिसके कारण नडेला परिवार का मसूरी से जुड़ाव और भी मजबूत माना जाता है। नडेला की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि यह केवल व्यक्तिगत स्मृतियों की पुनर्स्मृति नहीं थी, बल्कि उस स्थान के प्रति सम्मान भी था, जिसने उनके जीवन की शुरुआती शिक्षा को दिशा दी।
इस अवसर पर कोऑर्डिनेटर जॉली जॉन सहित कई शिक्षक और स्टाफ सदस्य मौजूद रहे और उन्होंने नडेला की इस अनौपचारिक परन्तु भावनात्मक यात्रा को यादगार बनाने में योगदान दिया। मसूरी में नडेला का यह शांत और सादगी भरा कार्यक्रम स्थानीय समुदाय के लिए भी उत्साह और गर्व का विषय बना रहा।
