देहरादून |
प्रदेश की लगभग 40 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए राहत भरी खबर आई है। लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रही कार्यकर्ताओं को महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने आश्वासन दिया है कि उनका मानदेय अब बढ़ाया जाएगा। हालांकि अंतिम निर्णय शासन स्तर पर गठित समिति लेगी, लेकिन विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि वह समिति के समक्ष अधिकतम मानदेय वृद्धि के लिए पूरी ताकत से पैरवी करेगा।
विभाग के निदेशक बीएल राणा के अनुसार, मानदेय वृद्धि को लेकर शासन ने पहले ही एक समिति का गठन कर दिया है, जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बढ़े हुए मानदेय की सीमा तय करेगी। विभाग ने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया है कि हर संभव प्रयास किया जाएगा ताकि उनके मानदेय में पर्याप्त वृद्धि की जा सके। यह कदम राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं दे रही हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण राहत साबित हो सकता है।
इस बीच विभाग में सुपरवाइजर पदों पर पदोन्नति और खाली पदों को भरने की प्रक्रिया भी तेज करने की तैयारी है। निदेशक के अनुसार, अगले एक सप्ताह के भीतर विभाग में रिक्त सुपरवाइजर पदों के लिए भर्ती या आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जिससे लंबे समय से इंतजार कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पदोन्नति का अवसर मिल सकेगा।
विभाग ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए कल्याणकारी उपाय भी पहले से लागू हैं। विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कल्याण कोष संचालित है, जिसके तहत सेवा निवृत्ति पर कार्यकर्ताओं को कम से कम एक लाख रुपये की एकमुश्त राशि प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त, सेवा के वर्षों के आधार पर इस राशि में हर वर्ष पांच प्रतिशत की वृद्धि सुनिश्चित की गई है, ताकि सेवानिवृत्ति के समय उन्हें आर्थिक सहायता का मजबूत आधार मिल सके।
मानदेय वृद्धि, पदोन्नति और कल्याण कोष—तीनों स्तरों पर सुधार की यह प्रक्रिया आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए उम्मीद और स्थिरता लेकर आ रही है, जो गांव-गांव में मातृ एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाती हैं।
