उत्तराखंड । उत्तराखंड में दिसंबर की शुरुआत के साथ ही मौसम का रुख बदलने लगा है और आने वाले दिनों में प्रदेशभर में ठंड का असर और अधिक बढ़ने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार 5 दिसंबर से मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव दिखेगा। फिलहाल, चार दिसंबर को पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई गई है, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में सुबह–शाम गिरने वाला पाला लोगों को ठिठुरने पर मजबूर करेगा।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पांच दिसंबर से उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों के ऊंचाई वाले हिस्सों में हल्की बारिश और बर्फबारी शुरू हो सकती है। खासतौर पर 3200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की प्रबल संभावना जताई गई है। ऐसे इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों और स्थानीय लोगों को ठंड से बचाव की अतिरिक्त तैयारी करने की सलाह दी जा रही है।
पर्वतीय इलाकों में तापमान पहले से ही नीचे बना हुआ है, ऐसे में बारिश व बर्फबारी होने पर ठंड में इजाफा तय है। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि बारिश और बर्फबारी से सूखी ठंड में कमी आएगी, जो स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर माना जाता है। शुष्क ठंड के दौरान सांस, त्वचा और आंखों से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं, ऐसे में नमी बढ़ने से राहत मिलने की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि छह दिसंबर को मौसम एक बार फिर साफ हो सकता है, लेकिन सात और आठ दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से फिर से बारिश और बर्फबारी की स्थिति बन सकती है। ऐसे में पर्वतीय जिलों में दोबारा तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है और सड़क यातायात पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।
कुल मिलाकर दिसंबर के पहले सप्ताह में ही उत्तराखंड के मौसम में लगातार उतार–चढ़ाव देखने को मिलेगा। जहां मैदानी क्षेत्रों में शुष्क ठंड जारी रहेगी, वहीं पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी के कारण सर्दी का प्रभाव और अधिक तीव्र होने वाला है।
